बायें हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से निम्न मंत्रो के उच्चारण के साथ अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर जल छिड़कना चाहिये
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ॥
निम्न मंत्र पढ़ते हुए तीन बार आचमन करें।
ॐ केशवाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ माधवाय नम:।
फिर यह मंत्र बोलते हुए हाथ धो लें ।
माथे में तिलक लगाने का मंत्र
ॐ चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम ।
आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी: तिष्ठति सर्वदा ॥
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः अद्य .
अहं श्रुति-स्मृति-पुराणोक्त-फलप्राप्त्यर्थं
श्रीपरमेश्वरप्रीत्यर्थं च .देवस्य/देव्याः पूजनं करिष्ये।
ॐ भूर्भुवः स्वः अमुक देवताभ्यो नमः ध्यानं समर्पयामि।
इसके उपरान्त पंचोपचार मंत्रों के उच्चारण से देवी देवता का पूजन करें। गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य के मंत्रो द्वारा पंचोपचार पूजन किया जाता है।
ॐ श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम् ।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दन प्रतिगृह्मयताम्।
चन्दन समर्पयामि॥
ॐ मल्लिकादिसुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
मयानीतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्।
पुष्पाणि समर्पयामि॥
ॐ वनस्पतिरसोद् भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तमः ।
आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम् ।
धूपमाघ्रापयामि ॥
ॐ चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्योऽअजायत ।
श्रोत्राद् वायुश्च प्राणश्च मुखादग्निरजायत ॥
दीपक जलाकर समर्पित करें।
ॐ शर्करा खण्ड खाद्यादि दधि क्षीर घृतादिभिः।
आहारै र्भक्ष्यभोज्यैश्च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम् ।
नैवेद्यं निवेदयामि ॥
ॐ प्राणाय स्वाहा । ॐ आपानाय स्वाहा ।
ॐ व्यानाय स्वाहा । ॐ उदानाय स्वाहा ।
ॐ समानाय स्वाहा ।
घर में संक्षिप्त पूजन के लिये क्रमशः स्तोत्र, अष्टोत्तर शतनाम तथा कवच का पाठ करने के उपरान्त पूजन की समाप्ति पर भगवान को पुष्पांजलि समर्पित करे और प्रदक्षिणा करे ।
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।
तेह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे सा्या सन्ति देवाः ॥
ॐ नानासुगन्धपुष्पाणि यथा कालोद्भवानि च ।
पुष्पांजलिर्मया दत्ता गृहाण परमेश्वर ॥
पुष्पांजलि समर्पित करें।
ॐ यानि कानि च पापानि ज्ञाताज्ञातकृतानि च ।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणायाः पदे पदे
प्रदक्षिणां करें।
"Poojan Paddhati" (or Puja Paddhati) literally translates from Sanskrit as "method of worship" or "procedure for worship." In Hinduism, it refers to the detailed set of steps, rituals, and protocols prescribed for performing a Puja, which is a ceremonial act of devotion to one or more deities, or to honor a distinguished person, or a special guest.
Think of it as the blueprint or manual for conducting a Hindu worship ceremony. It outlines exactly how a puja should be performed, specifying:
The sequence of offerings (Upacharas): These are the various services offered to the deity, akin to how a revered guest would be treated. The most common and elaborate is the Shodasha Upachara Puja, which involves 16 specific offerings. These can include:
Parikrama/Pradakshina: Circumambulation
Mantras: The specific sacred chants and prayers to be recited at each step.
Significance of Poojan Paddhatis:
In essence, a Poojan Paddhati is the systematic guide that enables devotees to perform Hindu worship ceremonies with proper reverence, intention, and efficacy, fostering a deeper connection with the divine.